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नमस्कार !

मेरा जन्म 17 September 1967 को दिल्ली में हुआ. मेरे पिता Engineer थे  और वे एक transferable job में थे. अतः उन्होंने class 5 में मुझे मेरे दादा-दादी के पास Hapur भेज दिया. मेरी class 5 से class 10 तक की पढ़ाई वहाँ पर हुई. मेरे दादा एक किसान थे, वे  शिक्षा को लेकर वे बहुत जागरुक थे.  उन्होंने मुझे Discipline में रहना, शांति से अपने लक्ष्य की ओर क़ाम करना और consistent रहना सिखाया. वे maths में बहुत अच्छे थे.  वे  हमेशा कृषि सम्बन्धी मामलों के हिसाब मुझसे करवाया करते थे. वे हमेशा मेरी पढ़ाई में आने वाली समस्याओं को सुलझा दिया करते थे.

1982 में मुझे XIth करने के लिए मेरे पिता ने मुझे दिल्ली अपने पास बुला लिया.  वे भी पढ़ाई को लेकर बहुत concern थे.

1984 में मेरा admission B. Sc. H.SC. में LADY IRWIN COLLEGE, DELHI में हुआ. बच्चों की पढ़ाई और उनके सम्पूर्ण विकास के प्रति मेरा बहुत रुझान था. अतः मैंने Child Deveopment में specialisation किया. मैंने graduation पूरा किया.

1987 में पिता की अकस्मात् मृत्यु के कारण मुझे अपनी regular पढ़ाई छोड़नी पड़ी. मुझे compassionate grounds पर

पिता के office में Bureau of Indian Standards में Job मिला.  मैंने नौकरी के साथ-साथ आगे पढ़ाई करने का फ़ैसला किया और KOTA OPEN UNIVERSITY से M. A. in Public Administeration किया.

1989 में मेरा विवाह राजेंद्र से हुआ.  वे एक बहुत supportive और kind इंसान है.

1990 में मुझे माँ बनने का सौभाग्य मिला और मेरी बड़ी बेटी अपूर्वा का जन्म हुआ.1992 में जब मेरी बड़ी बेटी के स्कूल जाने का समय आया तो मेरी चिंताए बढ़ने लगीं. मैं संयुक्त परिवार की सबसे बढ़ी बहूँ हूँ और बढ़ी बहूँ होने के नाते, मेरी बहुत सारी जिम्मदारियाँ थी. मैं अपनी बेटी की शिक्षा को लेकर बहुत चिंतित थी. मैं उसके holistic development पर ध्यान देना चाहती थी. इसलिए मैने नौकरी छोड़ने का फ़ैसला लिया. मेरे पति आर्थिक रूप से अच्छा कर रहे थे.

1994 में मेरी दूसरी बेटी लावण्या का जन्म हुआ  और मैं अब दोनो बेटियों की मदद करने लगी. मेरी बेटियों ने शिक्षा में,वाद-विवाद प्रतियोगिता में, story telling में, poem recitations में,dance,music, table tennis, swimming में कई इनाम जीते.

मेरी बड़ी बेटी Mechanical Engineer है और Family Business सम्भाल रही है. छोटी बेटी Lawyer है और HIGH COURT में practice कर रही है.

2003 में मेरे बेटे कुशाग्र का जन्म हुआ.

मेरे तीनो बच्चों के admission D. P.S, R.K.Puram में अपनी योग्यता से हुए.

मैंने अपने बेटे के साथ Digital World में कदम रखा. उसने भी पढ़ाईमें, theatre में, Abacus में बहुत  सारे इनाम जीते. उसने Lawn Tennis में National Level पर कई इनाम जीते.

अभी 2021 में मेरे बेटे ने B.B.A.LLB. में admission लिया. मुझे बहुत सारा समय मिलने लगा. मैं हमेशा से अपने Parenting experience सबसे share करना चाहती थी.

मैं U-tube पर खोजने लगी,

मुझे वहाँ Blogging के बारे में पता चला.

मैं चाहती थी कि मैं ज़्यादा से ज़्यादा माँओं की मदद कर सकूँ. जब एक बच्चे का अच्छा विकास होता है तो वह एक अच्छा नागरिक बनता है, बेहतर समाज का निर्माण होता है, समाज की अच्छी सोच से देश आगे बढ़ता है. मैं अपने देश की माँओं के काम आ सकूँ,  ये प्रबल इच्छा है मेरी.

मैं भगवान का,अपने गुरुजनों का, माता-पिता का, सास-ससुर का, दादा ससुर का,पति व बच्चों का, परिवार के अन्य सदस्यों का  व मित्रों का आभार प्रकट करती हूँ

लगता है, भगवान ने Blogging के द्वारा ये मौक़ा मुझे दे दिया है.

-by Vibha Sharma
Child Development expert
20th June2022

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