Download in PDF – Sanskrit Shlok With Hindi Meaning
बच्चों को Success दिलाएँगे ये Sanskrit Shlok With Hindi Meaning. हमारी ट्रेज़र,संस्कृत के श्लोकों, में जीवन की ऐसी नॉलेज छिपी है, जो आप कम शब्दों में और ज़्यादा प्रभावी तरीक़ों से बच्चों को आसानी से सिखा पाएँगे.
हम Maonduty के इस लेख में ऐसे प्रेरणदायक संस्कृत श्लोक और संस्कृत श्लोक अर्थ सहित hindi में आपको बताएँगे, जो बच्चों को जीवन की हर स्टेज पर जीने का सही तरीक़ा बताएँगे. Shlok Meaning in Hindi बच्चों को पढ़ाई की वैल्यू बताएँगे.
ये संस्कृत श्लोक मार्गदर्शक के रूप में बच्चों के लिए कार्य करते हैं. इसलिए बच्चों को बचपन से ही Sanskrit Shlok With Hindi Meaning पढ़कर सुनाएं. उनके बचपन और स्टूडेंट लाइफ़ पर पॉज़िटिव इफ़ेक्ट आने लगेगा. ये श्लोक लाइफ़ की प्रोब्लेमस से निपटने और डिफ़िकल्ट सिचूएशन को सम्भालने का तरीक़ा भी बताएँगे.
हम आपको इस लेख के आख़िर में पढ़ाई में मन लगाने का मंत्र भी बताने वाले है. आइए, बच्चों के 100% विकास करने वाले श्लोकों के बारे में डिटेल में जानते हैं.
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बच्चों को संस्कृत श्लोक अर्थ सहित Hindi सुनाने का तरीक़ा
- जिस तरह से बच्चों को कहानियाँ सुनाते हैं, उसी तरह से ये श्लोक बच्चों को सुनाने हैं.
- बच्चों को अच्छी तरह से उच्चारण करके ये श्लोक सुनाएं.
- श्लोक का हिंदी अर्थ समझाएँ.
- एक दिन में एक श्लोक ही सुनाएं.
- इन श्लोकों से मिलने वाली सीख अपने जीवन में भी उतारे.
- बच्चे आपको देखकर कॉपी करेंगे.
- बच्चों से पूँछे, कौन-सा श्लोक उन्हें सबसे ज़्यादा अच्छा लगता है और क्यूँ.
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बच्चों को Success दिलाएँ ये Sanskrit Shlok With Hindi Meaning
ये संस्कृत श्लोक, बच्चों को अच्छे-बुरे में अंतर और लोगों को पहचानने के तरीक़े बताते हैं.
१) बड़ों को नमस्कार करना सिखाने के लिए श्लोक
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनं:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलं।।
अर्थ: बड़ों को नमस्कार करने से और उनकी सेवा करने से 4 चीज़ें बहुत बढ़ती है, एज, नॉलेज, स्ट्रेंथ और यश. इसीलिए अपने से बड़ों का आदर व सम्मान करना चाहिए.
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२) स्टडी की वैल्यू
न चोरहार्य न राजहार्य न भ्रतृभाज्यं न च भारकारि।
व्यये कृते वर्धति एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।।
अर्थ: एक ऐसा धन जिसे चुराया नहीं जा सकता, जिसे कोई भी छीन नहीं सकता, जिसका भाइयों के बीच बँटवारा नहीं किया जा सकता, जिसे सम्भालना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है और जो खर्च करने पर बहुत बढ़ता है, वह धन विद्या है. विद्या सबसे श्रेष्ठ धन है. ये प्रेरणदायक संस्कृत श्लोक में से एक है.
३) एक अच्छे स्टूडेंट के लक्षण
काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।
अर्थ: एक अच्छे स्टूडेंट में पाँच क्वालिटीज़ ज़रूर होनी चाहिए. कौवों की तरह हमेशा नया सीखने की इच्छा, बगुले की तरह ध्यान और एकाग्रता, कुत्ते जैसी नींद, जो ज़रा-सी आवाज़ से ही खुल जाए. अल्पहारी यानी भूख के अनुसार खाने वाला और ग्रह त्यागी. यह shlok meaning in hindi बच्चे को अच्छे से समझाएं.
४) स्टडी का महत्त्व (Sanskrit Shlok)
रूप यौवन सम्पन्नाः विशाल कुल सम्भवाः।
विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव किंशुकाः।।
अर्थ: सुंदर होने से, यंग होने से या पैसे वाली फ़ैमिली में जन्म लेने से कुछ नहीं होता. अगर व्यक्ति ने विद्या नहीं पाई तो वह पलाश के फूल के समान है, जो दिखाई तो सुंदर देता है लेकिन उसमें से कोई ख़ुशबू नहीं आती. यानी मनुष्य की पहचान सिर्फ़ विद्या और ज्ञान से है. यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित hindi बच्चे को स्टडी का महत्त्व समझा देगा.
५) विद्या (पढ़ाई) से मिलने वाली क्वालिटीज़
विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्।।
अर्थ: विद्या पाकर आदमी नम्र हो जाता है, नम्र होने से मनुष्य को पात्रता मिलती है यानि पद के योग्य हो जाता है, योग्य व्यक्ति बनने से धन मिलता है, धन से व्यक्ति धर्म की ओर बढ़ता है और धर्म से सुख मिलता है. इसलिए व्यक्ति को जीवन में सुख पाने के लिए विद्या पाना बहुत ज़रूरी है.
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6) स्टूडेंट्स इन आठ चीजों से बचे
काम क्रोध अरु स्वाद, लोभ शृंगारहिं कौतुकहिं।
अति सेवन निद्राहि, विद्यार्थी आठौ तजै।।
अर्थ: स्टूडेंट्स को आठ चीजों से ज़रूर बचना चाहिए. काम,क्रोध,स्वाद,लोभ,शृंगार,मनोरंजन,अधिक भोजन और नींद स्टूडेंट को त्याग देनी चाहिए. कभी भी किसी चीज़ की अति नहीं करनी चाहिए. यह Sanskrit Shlok With Hindi Meaning बच्चे के लिए बहुत उपयोगी है.
7) टिचर्स की इमपोर्टेन्स
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
अर्थ: गुरु ही ब्रह्मा है जो सृष्टि करते हैं. गुरु ही विष्णु है जो आपकी रक्षा करते हैं. गुरु ही शिव है मतलब विध्वंसक है, जो आपके मार्ग के कष्टों को दूर करते हैं. गुरु ही भगवान ब्रह्मा के रूप में धरती पर है. इसलिए गुरु को नमस्कार व आदर करे.
8) गुरु की कृपा
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।
अर्थ: देवताओं के रूठने पर गुरु रक्षा कर देते हैं, अगर गुरू रूठ जाए,तो उस व्यक्ति की रक्षा कोई नहीं करता. गुरु ही रक्षा करते हैं, इसमें कोई शक नहीं. यानि अगर किसी व्यक्ति से पूरा संसार व भाग्य रूठ जाए तो गुरु की कृपा से सब ठीक हो जाता है. गुरु सभी मुश्किलों को दूर कर देते है, लेकिन गुरु नाराज़ हो जाए तो कोई और आपकी मदद नहीं करता. यह प्रेरणदायक Sanskrit Shlok में से एक है.
9) लक्ष्य को पाने की मेहनत
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।।
अर्थ:सिर्फ़ सोच लेने से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते. उसके लिए मेहनत करनी ज़रूरी है, जैसे सोते हुए बलशाली शेर के मुँह में हिरन खुद नहीं आता, उसका शिकार करने के लिए शेर को मेहनत करनी पड़ती है.
10) अच्छे व्यक्ति के गुण
यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।
चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता।।
अर्थ: अच्छे व्यक्ति के मन में जो विचार आता है, वह वही बात करता है. जैसा बोलता है वैसा करता है. वह मन,वचन और कर्म में एक-समान होता है. अच्छे व्यक्ति की यही पहचान है. यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित hindi बहुत मह्त्त्व्पूर्ण है.
11) मनुष्य के असफल होने के 6 कारण
षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता।
निद्रा तद्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रता।।
अर्थ: मनुष्य के असफल होने के 6 कारण हैं,नींद,थकान,डर,ग़ुस्सा,आलस और काम को टालने की आदत.
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12) परोपकार करने का महत्त्व
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम्।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।।
अर्थ:18 पुराणों में महर्षि व्यास ने दो बातों पर ज़ोर दिया है. परोपकार करना पुण्य है और दूसरों को दुःख देना पाप है. यह Sanskrit Shlok With Hindi Meaning दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा देता है
13) छोटे दिलवाले और बड़े दिलवाले में अंतर
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।।
अर्थ: जिन व्यक्तियों का दिल छोटा होता है,वे हमेशा गिनते रहते हैं कि यह मेरा है, यह उसका है. जिन व्यक्तियों का दिल बड़ा होता है, वे पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं.
14) मूर्ख लोगों की पहचान
मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं मुखे।
हठी चैव विषादी च परोक्तं नैव मन्यते।।
अर्थ: मूर्ख लोग पाँच चीजों से पहचाने जाते हैं. पहला घमंडी होना, दूसरा हमेशा कड़वा बोलना, तीसरा ज़िद्दी होना, चौथा बुरी-सी शक्ल बनाए रखना और पाँचवा दूसरों का कहना कभी नहीं मानना. यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित hindi इन पाँच चीजों से बचने का संदेश देता है.
15) दान देते वक्त न करे
अनादरो विलम्बश्च वै मुख्यम निष्ठुर वचनम।
पश्चतपश्च पञ्चापि दानस्य दूषणानि च।।
अर्थ: दान देते वक्त अनादर व अपमान न करे, दान देने में देर न करे, मुँह फेरकर दान न दे, कठोर व कड़वी बात बोलकर दान न दे और दान देने के बाद पछतावा न करे. ये पाँच बांते दान को पूरी तरह से बेकार कर देती है.
16) ऐसे लोगों की संगति न करे
दुर्जन: परिहर्तव्यो विद्यालंकृतो सन।
मणिना भूषितो सर्प: किमसौ न भयंकर:।।
अर्थ: दुष्ट लोग अगर बुद्धिमान भी हो और पढ़े-लिखे भी हो, तो भी उनका त्याग कर दे जैसे मणि वाला साँप भी भयंकर होता है. यानि दुष्ट लोग अगर बुद्धिमान भी हो तो भी उनकी संगति में न रहे.
17) कठिनाई से मिलने वाले लोग
सुलभा: पुरुषा: राजन् सततं प्रियवादिन:।
अप्रियस्य तु पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभ:।।
अर्थ: जो लोग अच्छा बोले आपको प्यारे लगे, आसानी से मिल जाते हैं. लेकिन जो आपकी भलाई के लिए कड़वी बातें बोल व सुन सके, मिलने कठिन हैं. यह Shlok meaning in hindi बच्चों की भलाई के लिए ज़रूरी है.
18) पढ़ाई में मन लगाने का मंत्र:
हमेशा पढ़ाई शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप करे, बच्चे पोसिटिविटी से भर जाएँगे और अच्छे से कॉन्सेंट्रेट भी कर पाएँगे.
ॐ शारदा माता ईश्वरी, मैं नित सुमरि तोय, हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय
अर्थ: ओम् माता सरस्वती, मैं आपको रोज़ याद करता हूँ, हाथ जोड़ कर आपसे विनती करता हूँ कि आप मुझे विद्या का वरदान दे.
गुरु गृहन गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब आई
अर्थ: भगवान राम और उनके भाई गुरु के घर पढ़ने गए और बहुत ही थोड़े समय में विद्या की सारी कलाएँ प्राप्त की.
परीक्षा की तैयारी से पहले इस मंत्र का जाप करे
शारदायै नमस्तुभ्यं, मम ह्रदये प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं,सर्व विषय नाम यथा।
अर्थ: हे सरस्वती देवी आपको नमस्कार है, आप मेरे हृदय में प्रवेश करे, सारे विषयों की परीक्षा में मुझे उत्तीर्ण करे.
ये तीनों मंत्र पढ़ाई में मन लगाने का मंत्र है, जो स्टूडेंट को याद करने में बहुत मदद करते हैं.
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निष्कर्ष – Conclusion
हमने इस लेख में बच्चो को स्टडी का महत्त्व बताने के लिए Sanskrit Shlok With Hindi Meaning दिए है, जो आप अच्छे से बता पाएँगे.
ऐसे प्रेरणदायक संस्कृत श्लोक और संस्कृत श्लोक अर्थ सहित Hindi में बताए है, जिससे आप बच्चों को जीवन की डिफ़िकल्ट सिचूएशन से निपटना सिखा पाएँगे.
विद्यार्थियों के क्या गुण होने चाहिए और किन अवगुनो से बचना चाहिए, ये भी समझाएँगे ये Shlok meaning in Hindi. हमने इस लेख में पढ़ाई में मन लगाने का मंत्र भी बताया है जिसके जाप से बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर पाएँगे और जल्दी याद भी कर पाएँगे.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ
Q1. शिक्षा पर आचार्य चाणक्य का श्लोक बताए?
Ans. विद्वान् प्रशस्यते लोके विद्वान् गच्छति
गौरवम्। विद्या लभते सर्वं विद्या सर्वत्र पूज्यते।
अर्थ: आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोक में कहा है कि जो विद्या की पूजा करता है यानी शिक्षा के महत्व को समझकर उसे ग्रहण करने की कोशिश करता है. उसको दुनिया सम्मान देती है और उसको प्रशंसा अपने आप मिलती है।
Q2. शिक्षा के लिए श्लोक बताएँ?
Ans. सुखार्थिनः कुतोविद्या नास्ति विद्यार्थिनः सुखम् ।
सुखार्थी वा त्यजेद् विद्यां विद्यार्थी वा त्यजेत् सुखम् ॥
अर्थ : सुख को चाहने वाले यानि मेहनत से जी चुराने वालों स्टूडेंट्स को विद्या कहाँ मिल पाती है और स्टूडेंट को सुख यानि आराम नहीं मिल पाता | सुख की चाहत रखने वाले को विद्या का और विद्या पाने वाले को सुख का त्याग करना चाहिए
Q3. छोटे संस्कृत श्लोक for instagram बताएँ?
Ans. क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् ।
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ॥
अर्थ : एक – एक क्षण ख़राब किए बिना विद्या ग्रहण करनी चाहिए और एक – एक पैसा बचा करके धन ईकट्ठा करना चाहिए। क्षण गवाने वाले को विद्या कहाँ और कण को छोटा या कम समझने वाले को धन कहाँ मिलता है ?
Q4. प्रेरणदायक श्लोक 2 line वाला बताएँ?
Ans. शनैः पन्थाः शनैः कन्था शनैः पर्वतलङ्घनम्।
शनैर्विद्या शनैर्वित्तं पञ्चैतनि शनैः शनैः॥
अर्थ : रास्ता धीरे- धीरे कटता है, कपड़ा धीरे- धीरे बुना जाता है, पर्वत पर धीरे -धीरे चढ पाते है, विद्या और धन भी धीरे-धीरे प्राप्त किए जाते हैं, ये पाँचों धीरे- धीरे ही होते हैं।
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Best Of Luck,
Vibha Sharma
(Child Development Expert)
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